...

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अलविदा ,,,,
RAAJ PREEET

कभी आखों मे कभी लहजे मे रवाँ होता है
दर्द तो होता है PREEET मगर बेजुबां होता है
जब खुशियों को नजर लग जाती है साथी
फिर शख्स हर किसी से परेशां होता है
जब आंसू निकले बनकर पानी तो सुकूं मिलता है
चाहे वो इसां या फिर आसमां होता है
PREEET यह अंतिम कविता है इस जगह
हर पल हरा भरा कब गुलिस्तां होता है
अब हमारी याद भी आये तो भुल जाना
कुछ पल सांसों मे जिंदगी भर का साथ कहाँ होता है
बहुत जल्द कदम...