बूढ़े मां- बाप
बुढ़ापे में उनकी लाठी न
बन सका तू,
जिसने उंगली पकड़ कर
चलना सिखाया था।
दो वक़्त की रोटी भी
देता तानो के साथ,
जिन्होंने खुद भूखे
रह कर तुझे भर पेट खिलाया था।
जिसने ज़िदंगी कर दी तुझ
पर न्योछावर,
उन पर तू दिखता है तेवर।
सालो...
बन सका तू,
जिसने उंगली पकड़ कर
चलना सिखाया था।
दो वक़्त की रोटी भी
देता तानो के साथ,
जिन्होंने खुद भूखे
रह कर तुझे भर पेट खिलाया था।
जिसने ज़िदंगी कर दी तुझ
पर न्योछावर,
उन पर तू दिखता है तेवर।
सालो...