...

12 views

एक उम्र दौर
// #दौरे_उम्र //

मैं एक उम्र के अलग - अलग दौर का पड़ाव,
अस्तित्व से अंकुरण पर पहन चला खडाव;
कोमल पुष्प पात हरा- भरा नौनिहाल दिया,
बचपन के नव - अंकुरित बेबाक पल जिया।

बेफिक्र जवानी का नित पुलकित पुष्प नया,
दुनिया में काहे कि शर्म और काहे कि हया;
बिल्लियों उछलता आसमान को छूता गया,
किसे थी फ़िक्र क्या पाया और क्या खोया।

जब चढ़ने लगी जवनी बदलने लगी कहानी,
अंजान सा साया दिल से करने लगा...