यथार्थ
चलना, चलना सिर्फ चलना, यही जीवन फलसफा, आंख से गिरते है आंसू, दिल में उठता है धुआँ, बेचैन अन्तर्मन मेरा है, उड. रही अब खाक है, मौन है मौनी-सा मन, ...