फ़िर से चलकर दिखा
ना समझ स्वयं को निहत्था
साथी है स्वयं तू स्वयं का
भटक गया जो गर दिशा
फिर से अपना मार्ग बना
जीवन ये अनमोल बड़ा
सार्थक अब इसको बना
हार का अपनी लुत्फ़ उठा
पीड़ा को आत्मबल बना
गिर कर दोष देते हैं सब
तू फ़िर से चलकर दिखा
© विनीता पुंढीर
साथी है स्वयं तू स्वयं का
भटक गया जो गर दिशा
फिर से अपना मार्ग बना
जीवन ये अनमोल बड़ा
सार्थक अब इसको बना
हार का अपनी लुत्फ़ उठा
पीड़ा को आत्मबल बना
गिर कर दोष देते हैं सब
तू फ़िर से चलकर दिखा
© विनीता पुंढीर