...

3 views

शबरी की प्रतीक्षा
कब आओगे मेरे राम
कौशल्या के प्यारे राम,
दशरथ राजदुलारे राम
जग के तारनहारे राम,
निबलों के पालनहारे राम।

मैं अबला, अबोध, दुखियारी,
भक्ति, ज्ञान का मरम ना जानूं,
प्रेम को पूजूं प्रेम को मानूं,
प्रेम को अपना सर्वस्व जानूं।
राह निहारूं,पंथ बुहारूं,
चुन-चुन बेर झोली भर लाऊं
प्रेम बावरी, दासी तिहारी,
राम तुम्हारी जो छब पाऊं
मैं हतभागी, नैनन के जल सों,
राम तिहारे चरण पखारूं।

अब तो दरस दिखा दो राम,
जीवन सफल बना दो राम
सबके दाता मेरे राम,
कब आओगे मेरे राम।

अधिकारिणी नहीं, माता कहलाऊं
पर चाहूं तुम्हें पुत्र मैं पाऊं
तुम्हरी एक झलक पा जाऊं
जीवन सफल बनाऊं राम
अब आ जाओ मेरे राम...........