...

11 views

अंजान
अंजान थे तुम कभी,
जो अपने से थे लगने लगे..!!

साथ चलने का वादा कर,
किसी मोड़ पर बिन बताए
मुड़ गए..!!

फिर मैंने कह दिया झूठ,
की इश्क कभी तुमसे था ही नहीं..!!

शायद ये गवारा नही था मुझे,
खुद प्यार में पागल और तुम्हे
जिंदगी में समझदार कहना..!!

तुम्हे आसान लगा जान से
अंजान बन जाना ,
मेरा दिल तो आज भी तेरे
याद में रोता है..!!
!! Nishu !!