...

5 views

दुनिया
रात को चांदनी से चांद भी चमक आता है,
सुबह वह रोशनिसे ढक जाता है।

यहां हर कोई अलग ही दुःख में रोता है,
एक चहरा और दो मुंह यहां भी रहता है।

उस वक्त यहां भी सिया राम रहते,
आज हम हर वक्त रोते।

प्रेम करो तो कान्हा की जैसा,
पूरी दुनिया याद रखे वैसा।

मतलब की है दुनिया मतलब का है प्यार,
जिसको अपना समजा वही चलाता है हत्यार।

हर कोई विचारी ,
हर कोई लाचारी ,
अब गरीब भी नहीं है भिकारी।
© All Rights Reserved