दुनिया
रात को चांदनी से चांद भी चमक आता है,
सुबह वह रोशनिसे ढक जाता है।
यहां हर कोई अलग ही दुःख में रोता है,
एक चहरा और दो मुंह यहां भी रहता है।
उस वक्त यहां भी...
सुबह वह रोशनिसे ढक जाता है।
यहां हर कोई अलग ही दुःख में रोता है,
एक चहरा और दो मुंह यहां भी रहता है।
उस वक्त यहां भी...