...

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"आंधी आई आंधी आई"
आंधी आई आंधी आई,
बड़े जोर से आंधी आई,
अपने हवा के झोंके में देखो,
प्रलय का बन ऊफान ये आई,
कंकड़ पत्थर धूल के कण सारे,
उड़ते बादल विकराल नजारे,
चिड़ियां के घोसले उड़ते जा रहे,
पक्षी रोवें चिलकार मचा रहे,
पेड़ों के पत्ते बजते जा रहे,
जैसे कोई मनोरम गीत सुना रहे,
मेरा व्याकुल मन घनघोर घटा है,
जैसे कोई जल प्रलाप मचा है,
आई आंधी छायी अंधियारी,
देखो ये विपदा बढ़ती जा रही,
आंधी आई आंधी आई,
बड़े जोर से आंधी आई,
© ✍️ EK SHAYAR-S K ROY