1 साल ऐसा भी
कभी सोचा ना था कि ऐसा कुछ भी होगा
हर इंसान यूं इतना मजबूर सा होगा
यूं बेबस हो जाएंगे हालात
कोई चाह कर भी कुछ कर ना पायेगा
हर पल एक डर सा मन को सताएगा
घर से बाहर जाना भी एक सजा हो जाएगा
सुनसान है आज...
हर इंसान यूं इतना मजबूर सा होगा
यूं बेबस हो जाएंगे हालात
कोई चाह कर भी कुछ कर ना पायेगा
हर पल एक डर सा मन को सताएगा
घर से बाहर जाना भी एक सजा हो जाएगा
सुनसान है आज...