...

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1 साल ऐसा भी
कभी सोचा ना था कि ऐसा कुछ भी होगा
हर इंसान यूं इतना मजबूर सा होगा
यूं बेबस हो जाएंगे हालात
कोई चाह कर भी कुछ कर ना पायेगा
हर पल एक डर सा मन को सताएगा
घर से बाहर जाना भी एक सजा हो जाएगा
सुनसान है आज गलियां सारी....हुए हैं रास्ते सभी सुनसान
स्कूल्स कॉलेजेस और ऑफिस भी हुए हैं वीरान
छाई है खामोशी ऐसी जो देखी ना कभी
हर देश हर शहर में मचा है हाहाकार
लाखों लोग हो रहे हैं इसका शिकार
शहर के शहर बन रहे हैं श्मशान
हिम्मत और हौसले की परीक्षा है बड़ी
बीत जाएगा यह वक्त भी उम्मीद सबको है यही


© Megha

#COVID #Life #2020