...

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यादें
मेरे छोटे से बचपन की
एक बड़ी सी कहानी हो तुम
मेरे घुँटते हुए मन के लिए
सांसों की रवानी हो तुम

कोई गली, कोई सड़क
कोई दोस्त आज अपना नही
एक तुम ही बेजुबां खड़े
राह मेरा तकते रहे

बड़े अरसे बाद मिले हो
आज जीभर कर निरेखूंगी
यादों के बिखरते तिनके को
एक-एक कर सहेजूंगी

मोल देकर अपने अस्कों का
बस दो पल तुम्हारा खरीदूँगी
इस एक जीवन के बँधन में
मै आज कई मौत समेटूँगी ।।