...

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ख़फ़ा ख़फ़ा से अल्फ़ाज़
ख़फ़ा ख़फ़ा से अल्फ़ाज़
जुदा जुदा से अन्दाज
कल तक हम उसके जान हुआ करते थे

पल पल sms call सब आया करते थे
अब इंतजार बस रहता है कब sms call आएंगे

हम करे तो कभी busyतो कभी बाद में बात
करते है का फरमान आता है

Sms सीन होने में भी अब घंटों लग जाते है
सीन भी हो जाये तो एक sms भी नही होता है

दिल मे टिश और ऑंखे नम है
उसके बर्ताव से जख्मी बड़ा ये मन है

एक बात जो अक्सर दिल में आती है
एक हँसते मुस्कुराते चेहरे पे
दर्द देने का हक तुम्हें किसने दिया

पहले तो एक पल भी तुमको
मुझसे दूर रहा नही जाता था
अब दूर होने के नऐ नऐ बहाना बनाया जाता हैं

अपनी आदत लगा के तुमने अपनी ही आदत बदल ली
कदर करके हमारी एक झटके में बेकद्री दिखा दी

क्या मिला तुमको मेरे साथ ऐसा करके
एक हँसते खेलते इन्शान
को दर्द बेहिसाब देखे बेजान बना दिया