मां तूने अच्छा किया
मां तूने अच्छा किया
जाने तूने मेरे कितने जन्मों का कर्ज़ उतार दिया ! माँ तूने अच्छा किया, मुझे कोख में ही मार दिया !
क्या करती वैसे भी आकर इस निर्लज्ज सँसार में ! जहाँ पर मेरी इज़्ज़त लुटती सरेआम बाज़ार में ! मार के मुझको कहते वो के मैं ही ज़िम्मेवार हूँ ! कोई पहनावे में कमी ढूँढ़ता, कोई मेरे व्यवहार में !
क्या बीतती तुम पर जब तुम हाल...
जाने तूने मेरे कितने जन्मों का कर्ज़ उतार दिया ! माँ तूने अच्छा किया, मुझे कोख में ही मार दिया !
क्या करती वैसे भी आकर इस निर्लज्ज सँसार में ! जहाँ पर मेरी इज़्ज़त लुटती सरेआम बाज़ार में ! मार के मुझको कहते वो के मैं ही ज़िम्मेवार हूँ ! कोई पहनावे में कमी ढूँढ़ता, कोई मेरे व्यवहार में !
क्या बीतती तुम पर जब तुम हाल...