समझ सको तुम, गर
समझ सको तुम, गर मेरे खामोश शब्दों को,
तो तुम्हें हक़ है, मुझे समझाने का..!!
समझ सको तुम, गर मेरे बिन बहे आंसुओं को,
तो तुम्हें हक़ है, मेरे आँसू पोछने का..!!
महफ़िल में मुझे हँसता...
तो तुम्हें हक़ है, मुझे समझाने का..!!
समझ सको तुम, गर मेरे बिन बहे आंसुओं को,
तो तुम्हें हक़ है, मेरे आँसू पोछने का..!!
महफ़िल में मुझे हँसता...