तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम साधना हो मेरी
तुम कामना हो मेरी
तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम आसमान मेरा
तुम जमीन मेरी,
तुम सुबह मेरी
तुम शाम मेरी;
तुम करुणा हो मेरी
तुम अल्पना हो मेरी
तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम तन मेरा
तुम मन मेरा,
तुम सूर मेरा
तुम नूर मेरा;
तुम साँस हो मेरी
तुम आस हो मेरी,
तुम बंदगी हो मेरी
तुम जिंदगी हो मेरी;
तुम आस्था हो मेरी
तुम निष्ठा हो मेरी
तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम प्रेरणा हो मेरी, तुम प्रेरणा हो मेरी...!
- श्रावणी संजय.
तुम कामना हो मेरी
तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम आसमान मेरा
तुम जमीन मेरी,
तुम सुबह मेरी
तुम शाम मेरी;
तुम करुणा हो मेरी
तुम अल्पना हो मेरी
तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम तन मेरा
तुम मन मेरा,
तुम सूर मेरा
तुम नूर मेरा;
तुम साँस हो मेरी
तुम आस हो मेरी,
तुम बंदगी हो मेरी
तुम जिंदगी हो मेरी;
तुम आस्था हो मेरी
तुम निष्ठा हो मेरी
तुम प्रेरणा हो मेरी...!
तुम प्रेरणा हो मेरी, तुम प्रेरणा हो मेरी...!
- श्रावणी संजय.