कोई तो वज़ह होगी
कोई तो वज़ह होगी
आज फिर तुम्हारी याद में
बैठी हूँ अकेले राह में
सोच रहीं हूँ तुम्हारे जाने कि वज़ह तो होगी ।
तुम्हारा बेइंतहा प्यार करना ,
फिर भी भुल जाना मुझे आसानी से इसकी
कोई तो वज़ह होगी ।
तुम्हारा मेरे प्यार को कभी ना समझ पाना
जरूर इसकी भी कोई वज़ह ही रहीं होगी।
यु तो मुकम्मल होते नही सपने सभी
लेकिन ऐ दिलनशी तुम्हारा यु दिल तोड़ कर जाना
इसकी भी कोई वज़ह ही रहीं होगी ।
तुम्हारे याद में आ जाते है आँसु आज भी
इसकी कोई वजह तो होगी ।
© AnJaLi singh
आज फिर तुम्हारी याद में
बैठी हूँ अकेले राह में
सोच रहीं हूँ तुम्हारे जाने कि वज़ह तो होगी ।
तुम्हारा बेइंतहा प्यार करना ,
फिर भी भुल जाना मुझे आसानी से इसकी
कोई तो वज़ह होगी ।
तुम्हारा मेरे प्यार को कभी ना समझ पाना
जरूर इसकी भी कोई वज़ह ही रहीं होगी।
यु तो मुकम्मल होते नही सपने सभी
लेकिन ऐ दिलनशी तुम्हारा यु दिल तोड़ कर जाना
इसकी भी कोई वज़ह ही रहीं होगी ।
तुम्हारे याद में आ जाते है आँसु आज भी
इसकी कोई वजह तो होगी ।
© AnJaLi singh