ममता
#वर्णाक्षरमनोहारी ।
मां प्यार से मुझे संवारती थी।।
मेरे लिए ख़ूब पकवान बनाती थी।
मना मना के मुझे खिलाती थी।
लोरियां गा गा के वोह सुलाती थी।
साफ़ सुथरे कपड़े पहनाती थी।
रोज़ स्कूल मुझे चलाती थी।
ज़िंदगी ऐसे जीना मुझे सिखाती थी।
जूं जूं मैं बड़ी हुई वोह मुस्काती थी।
क़दम क़दम पे मेरे साथ हाथ मिलाई थी।
और एक दिन मेरी बिदाई थी।
रो रो कर भी वो मुस्कुराई थी।
भेज कर मुझे पिया घर इतराई थी।
मेरी खुशी की खातिर उसकी तन्हाई थी।
ऐसे ही मेरे लिए उम्र वोह बिताई थी।
आज उसकी बिलकुल तनहाई थी।
ये सोच कर मेरे नैन तले आंसू भर आई थी।
मेरे लिए सारे दस्तूर उसने निभायी थी।।
#writco
#mt.
मां प्यार से मुझे संवारती थी।।
मेरे लिए ख़ूब पकवान बनाती थी।
मना मना के मुझे खिलाती थी।
लोरियां गा गा के वोह सुलाती थी।
साफ़ सुथरे कपड़े पहनाती थी।
रोज़ स्कूल मुझे चलाती थी।
ज़िंदगी ऐसे जीना मुझे सिखाती थी।
जूं जूं मैं बड़ी हुई वोह मुस्काती थी।
क़दम क़दम पे मेरे साथ हाथ मिलाई थी।
और एक दिन मेरी बिदाई थी।
रो रो कर भी वो मुस्कुराई थी।
भेज कर मुझे पिया घर इतराई थी।
मेरी खुशी की खातिर उसकी तन्हाई थी।
ऐसे ही मेरे लिए उम्र वोह बिताई थी।
आज उसकी बिलकुल तनहाई थी।
ये सोच कर मेरे नैन तले आंसू भर आई थी।
मेरे लिए सारे दस्तूर उसने निभायी थी।।
#writco
#mt.