...

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कविता और दिल के भाव।
#WritcoPoetryDay

अपने दिल के हर भाव को
सहजता से कह पाना ही है कविता ।
दो प्रेमियों के बीच का प्रेम भाव है कविता
किसी बिछड़े हुए अपने का दर्द हैं कविता
अपने दिल के हर भाव को.........।
मां की लोरी और पिता की
प्यार भरी फटकार है कविता
दादा-दादी और नाना-नानी के
दिलों से निकलीं हुईं दुआं है कविता
अपने दिल के हर भाव को............।
यें ऊंचे ऊंचे पहाड़ों का सौन्दर्य है कविता
यें नदी और झरनों के पानी का शोर है कविता
अपने दिल के हर भाव को...........।
यें फूलों के बगीचे की सुगंध है कविता
यें वृक्षों की डाली पर कोयल की मीठी बोली है कविता।
अपने दिल के हर भाव को..........।
जीवन का हर रंग हर रस समेटे हुए है कविता
हर कोई बना लेता है अपने अपने हिसाब से कविता
sk gujjar ने भी कई बार लिखी है अपने मन की व्यथा
टूटे हुए दिलों से ही निकलती है कविता।
अपने दिल के हर भाव को
सहजता से कह पाना ही है कविता।
मन की आवाज ॐ
एस के हरियाणा ✨
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© Sudesh Chauhan (SK)