शायरी
आज फिर तेरा ख्याल आया है
यौवन को मेरे जमाल आया है
रातें गुज़ारी तमाम सोचते सोचते
आज भी पशोपेश का साया है
तुम से...
यौवन को मेरे जमाल आया है
रातें गुज़ारी तमाम सोचते सोचते
आज भी पशोपेश का साया है
तुम से...