जागरण में कष्ट है
सोने का एक सुख है, जागने का एक कष्ट है,
बेहोशी का एक सुख है कि चीजों का पता ही नहीं चलता कि असल में क्या चल रहा है, बेहोशी सुलाती है, वर्तमान को भुला देती है, इसलिए जागने में पीड़ा मालूम पड़ती है, समझने में कष्ट है, क्योंकि समझते ही खुद को बदलना पड़ेगा, जागरण में कष्ट है! अगर हम समझते हैं तो ही हम जागृत हैं!
© ◆Mr Strength
बेहोशी का एक सुख है कि चीजों का पता ही नहीं चलता कि असल में क्या चल रहा है, बेहोशी सुलाती है, वर्तमान को भुला देती है, इसलिए जागने में पीड़ा मालूम पड़ती है, समझने में कष्ट है, क्योंकि समझते ही खुद को बदलना पड़ेगा, जागरण में कष्ट है! अगर हम समझते हैं तो ही हम जागृत हैं!
© ◆Mr Strength