life lesson ❤️
जरा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है,
समंदरो ही के लहजे में बात करता है।
खुली छतों के दियें कब के बुझ गये होते,
कोई तो है जो हवाओं के पर कतरता है।
शराफ़तों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं,...
समंदरो ही के लहजे में बात करता है।
खुली छतों के दियें कब के बुझ गये होते,
कोई तो है जो हवाओं के पर कतरता है।
शराफ़तों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं,...