मैं रोया तो बहोत
मैं रोया तो बहोत,
पर किसी ने बिलखते नहीं देखा ...
मेरे साये ने भी कभी,
मुझे सिसकते नहीं देखा...
हर दुख में रहा अकेला,
और सहता गया सब कुछ
सहारे के लिए मैने खुद को भी,
किसी से लिपटते नहीं देखा...
मैं चला हूँ,...
पर किसी ने बिलखते नहीं देखा ...
मेरे साये ने भी कभी,
मुझे सिसकते नहीं देखा...
हर दुख में रहा अकेला,
और सहता गया सब कुछ
सहारे के लिए मैने खुद को भी,
किसी से लिपटते नहीं देखा...
मैं चला हूँ,...