मुश्किल तो है....जिंदगी
मुश्किल लगता है जीना और जिंदगी ...
जब मन सा पंछी चाह रखे आज़ादी की ,
वहां उड़ जाने की जहां उसे अच्छा लगता है
पर बेरहम वक्त मुक्कमल ना करे गुजारिश पिंजरा खोलने की
लाख जतन ... समझाने के
कि हालातों का ताला नसीब ठहरा उसका
पर कितना समझा .. और क्या गुजरी समझाइश में
यह बस मन जानता है ..!!
सच में ,...
जब मन सा पंछी चाह रखे आज़ादी की ,
वहां उड़ जाने की जहां उसे अच्छा लगता है
पर बेरहम वक्त मुक्कमल ना करे गुजारिश पिंजरा खोलने की
लाख जतन ... समझाने के
कि हालातों का ताला नसीब ठहरा उसका
पर कितना समझा .. और क्या गुजरी समझाइश में
यह बस मन जानता है ..!!
सच में ,...