जब बोलो!
काफी अरसे से कुछ लिखा नहीं,
कुछ कहा नहीं,
देखा बहुत कुछ,
लेकिन मौका ही नहीं मिला,
कि उन्हें पन्नों पर उतार सकूं ।
अभी कुछ वक्त पहले ही एक छोटे बच्चों की किताब में एक ऐसी कविता मेरे सामने आई जो शायद...
कुछ कहा नहीं,
देखा बहुत कुछ,
लेकिन मौका ही नहीं मिला,
कि उन्हें पन्नों पर उतार सकूं ।
अभी कुछ वक्त पहले ही एक छोटे बच्चों की किताब में एक ऐसी कविता मेरे सामने आई जो शायद...