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आमद शहर में तेरे (•‿•)
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे जुड़े जुड़े सारे फसाने है
मिलती नही कोई ख़बर तेरी
इतना क्या बेगाने हुए हैं
आज कल तेरे शहर में अजीब बहाने हुए हैं
जब से हुई है मेरी मुलाक़ात शहर में तेरे
अब तो हम खुद से खुद को तेरा कहने लगे हैं
मैं मुसाफ़िर मंजिल में हूं तेरे
तू ही बता आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने है।।
#poemprompt
#writcopoem
#writewithme
@theA8436
© ❤️
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे जुड़े जुड़े सारे फसाने है
मिलती नही कोई ख़बर तेरी
इतना क्या बेगाने हुए हैं
आज कल तेरे शहर में अजीब बहाने हुए हैं
जब से हुई है मेरी मुलाक़ात शहर में तेरे
अब तो हम खुद से खुद को तेरा कहने लगे हैं
मैं मुसाफ़िर मंजिल में हूं तेरे
तू ही बता आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने है।।
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