...

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"रंजीनी"
किसी लम्हा तेरी नज़रों से,
नज़रें मिलाऊँगा में,
तेरे चेहरे के नूर में,
खो जाऊंगा में,

कहीं किसी रोज़,
तेरा दीदार कर सकू,
तेरे होठों से,
अपना नाम सुन सकू,
इस कदर खुद को,
काबिल बनाऊंगा में,
किसी लम्हा तेरी नज़रों से,
नज़रेँ मिलाऊँगा में,

तेरी सादगी की चादर ओढ़े,
तुझे एक अरसा हो चला अब,
मेरी ख्वाईशो के तकिये पर,
सुलाऊँगा तुझे,
कभी किसी लम्हा तेरी नज़रो से,
नज़रेँ मिलऊंगा में,

तेरी हंसी के आईने में,
मेरा चेहरा धुंदला सा नज़र आता है,...