...
ठहाके तो तुमने भी लगाए होंगे किसी ना किसी की मजबूरी पर ।
रास्ते तो तुमने भी रोके होंगे किसी ना किसी के मंजिल के ।
आंसू तुम्हारी वजह से भी बहे होंगे किसी ना किसी की आंखों से ।
नीचा तुमने भी दिखाया होगा किसी ना किसी को सिर्फ अपने अहंकार के लिए ।
तो क्यों ना हम अपने छोटे ही सही पर किसी और के लिए शायद बड़े हो ऐसे गुनाहों को माने ।
क्यों ना किसी और के सफर की मुश्किल बनने की जगह उसके सफर का साथी बने ।
© shephali patel
रास्ते तो तुमने भी रोके होंगे किसी ना किसी के मंजिल के ।
आंसू तुम्हारी वजह से भी बहे होंगे किसी ना किसी की आंखों से ।
नीचा तुमने भी दिखाया होगा किसी ना किसी को सिर्फ अपने अहंकार के लिए ।
तो क्यों ना हम अपने छोटे ही सही पर किसी और के लिए शायद बड़े हो ऐसे गुनाहों को माने ।
क्यों ना किसी और के सफर की मुश्किल बनने की जगह उसके सफर का साथी बने ।
© shephali patel