...

2 views

काश! ऐ वक़्त..............!
/// काश! ऐ वक़्त.....!///

काश! ऐ वक़्त तु मेरा होता,
हो जाते हम भी तेरे,
रौशन होती ये दुनिया मेरी,
कोई तो एक खुशनुमा सबेरा होता।
ऐ वक़्त जो तु मेरा होता!!

एक तेरे इंतजार में खुशियाँ ना हमने गवाया होता,
रेत की भाँति हाथों से जो फिसल गया,
वो सब कुछ हमने भी पाया होता!
काश! ऐ वक़्त तु मेरा होता!!

एक पल के लिए जो तु ठहर जाता,
ये गमों के बादल ना यूँ छाए होते,
होती रौशन जिंदगी इस कदर,
चाँदनी रात में भी हम मुस्कुराए होते।
काश! ऐ वक़्त तु मेरा होता!!

ऐ वक़्त काश! तु छोड़ कर ना गया होता।
जमाने की ठोकरे इस कदर हम ना खाए होते,
बढ़ जाते जीवन के संघर्ष पथ पर, जरा ना डगमगाए होते,
ऐ वक़्त तु मेरा होता,
सारे जहाँ के बादशाह हम कहलाए होते!

काश! तु मुँह ना मोड़ा होता,
मेरे दिल में भी मजबूरियों का सागर ना गहराया होता,
मिल जाता हमें भी उसका सहारा,
जो वो मुँह फेर कर इस कदर ना गया होता,
ऐ वक़्त काश! तु मेरा होता,
जीवन में मेरे भी हर पल सुनहरा सबेरा होता!!
@chanda©

© All Rights Reserved