...

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हुजूर! माई-बाप प्रणाम!

उस पहाड़ी के पास में जो गाँव है,
थोड़ा अलग है,
वहाँ के लोग थोड़े अलग हैं।

अलग यूँ
कि जब भी गाँव का आसमान
चिखों-चिल्लाहतों से भर जाता है लिए,
तभी कुछ लोग मंचों से कबूतर उड़ाते...