...

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ख्वाबों में हमारे आ जाओ
करता हूँ याद तुम्हें
ख्वाबों में हमारे आ जाओ।
व्याकुल है तन मन मेरा
आकर शीतल कर जाओ।

दिन-रात तुम्हें ही याद किया
तुमसे ही सच्चा प्यार किया
तुम बिन चैन नहीं आता है
बिछुड़न व्याकुल कर जाता है
अनुराग रंग में रंगा हुआ हूँ
प्रेम पाँश में बँधा हुआ हूँ
मैं तुम्हें सोचती रहता हूँ
तुम भी वापस आ जाओ।
करता हूँ याद तुम्हें
ख्वाबों में हमारे आ जाओ।

प्यार तुम्हारा याद आता है
मनुहार तुम्हारा याद आता है
शाम ढले जब दीप जले
मन में चाहत के फूल खिले
रस में भीगी हर बात तुम्हारी
तुम बिन जाएगी जान हमारी
कैसे हो अकेले प्रियवर
आकर हमें बता जाओ।
करता हूँ याद तुम्हें
ख्वाबों में हमारे आ जाओ।

तुम जीवन के आधार हमारे
तुम हो तुम हो प्यार हमारे
तुम हो तो क्या गम है
तुम हो तो दिलबर हम हैं
तुमसे ही है हर बात मेरी
तुम हो तो सुहानी रात मेरी
दूर कभी न जाना मुझसे
पास हमारे आ जाओ।
करता हूँ याद तुम्हें
ख्वाबों में हमारे आ जाओ।
© राकेश कुमार सिंह