एक चेहरा जो बिल्कुल ग़ज़ल जैसा है!!!
I wrote this for someone special
एक चेहरा जो बिल्कुल ग़ज़ल जैसा है
उल्फ़त-ए- पहले पहल जैसा है
सांचे में ढला है जिस्म नज़्मों सा उसका
वो फूल कोई बिल्कुल कमल जैसा है।
चर्चे हों उसके जाए गुज़र वो जिधर से
उसकी मशहुरियत बकिंघम के महल जैसा है
उतरे वो खुशबू सांसो में इत्र बन कर
रहबर वो दिल-ए-अहल जैसा है
❣️❣️❣️❣️❣️
© AkaSSH_Ydv_aqs
एक चेहरा जो बिल्कुल ग़ज़ल जैसा है
उल्फ़त-ए- पहले पहल जैसा है
सांचे में ढला है जिस्म नज़्मों सा उसका
वो फूल कोई बिल्कुल कमल जैसा है।
चर्चे हों उसके जाए गुज़र वो जिधर से
उसकी मशहुरियत बकिंघम के महल जैसा है
उतरे वो खुशबू सांसो में इत्र बन कर
रहबर वो दिल-ए-अहल जैसा है
❣️❣️❣️❣️❣️
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