...

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आख़िरी ख्वाहिश
झूठे हैं हर रिश्ते यहाँ,
सब मोह की नुमाइश है,
कोई किसी का नहीं है यहाँ
हर तरफ बस साजिश है।।

ऊपरवाले अब तुझे मेरा
ये आख़िरी फ़रमाइश है,
ए! जिंदगी तुझसे अब
बस मौत की ख्वाहिश है ।।


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