दिसंबर की बारिश
दिसंबर की बारिश
और कुछ यादें
कोहरे की धुंध
और सर्द आहें
निगाहों की मायूसी
और बांहो की बेबसी
यूँ अंतर्मन का ठिठुरना
और तुम्हारी आत्मा के लिहाफ़ को
न ओढ़ पाने की लाचारी
चंद आंसुओ के कतरे
और एक ये इश्क़...
और कुछ यादें
कोहरे की धुंध
और सर्द आहें
निगाहों की मायूसी
और बांहो की बेबसी
यूँ अंतर्मन का ठिठुरना
और तुम्हारी आत्मा के लिहाफ़ को
न ओढ़ पाने की लाचारी
चंद आंसुओ के कतरे
और एक ये इश्क़...