...

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प्रेम मंजूषा
बापरे
वो जिससे मै मिला... 😳
मशीनगन थी यारों
मजाल है एक वार करके खामोश हो जाए
धडधडधडधडधड
पूरी चेन ही चलाकर रूकती थी
चाहे कितना भी बचूं
दो चार गोली खा ही लेता था
तब वो शांत होती
माशाअल्लाह...
चक्कर 😇 आते थे मुझे
पर कहते है न...
मीठा आपको कितना भी पसंद हो
ज्यादा नही खा सकते
इसलिए जबतक गोली
इनकी खा नही लेता
डकार आती रहती थी
इसलिए उनके
तेवर से टकराने चला ही जाता था
आपको बताऊँ..??
चार पांच महीने मे
कभी पानीपत
कभी कुरुक्षेत्र
और कभी हल्दीघाटी की
युद्ध होती ही रही
पांचवे छठ्ठे महीने लगते लगते
उनकी मशीनगन चलती तो थी पर
फुस्स हो जाती
एक सिक्रेट बताता हूँ
ये सब चमत्कार कैसे हुआ ?
वो गुस्सा करती रही, और
मै प्रेम चालिसा पाठ करता रहा
फिर उसने गन तो छोड दी
पर, भाई भवें उनकी
हरदम कमान बनी ही रहती
मै असमंजस मे था
इन...