...

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जुदा
आज बैठें फिर खुद की महफ़िल में,
कुछ बातें पुरानी यादें वापस लायीं,
कुछ पल जो हसीन थे,
उनकी बातों को सोचकर मुस्कुराये,
उसके साथ ही गम के हसीन लम्हें भी साथ आये।

याद आये वो शख़्स भी जो जुदा हुआ मुझसे था,
यकीं मानों मेरा मैं ही एक नंबर का बेवकूफ़ था,
कुछ पाकर खोने का गम वैसा ही था,
जैसे हाथों में जाम तो थी,
पर होंठों तक पहुँचने का रास्ता अभी काफी दूर था।

वैसे मैं शराब हाथ तक नहीं लगाता,
ना जानें क्यों मुझे उसके लिए,
दिन में...