डर - Darr
डर बल है, तो दुर्बल भी....
यिसे कैसे अपना ना है,
कुद्पे निर्बन है !
किसि को जीत से डर है,
तो किसि को हार से.............
किसि को लाभ से डर है,
तो किसि को नुक्सान से...........
किसि को कुच पानेकि डर है,
तो किसि को कुच खोनेकि................
जब डर से दिल द्दडके,
कदम अपना डग्मगये !
डर से जब भवुक हम हुये,
मंज़िल...
यिसे कैसे अपना ना है,
कुद्पे निर्बन है !
किसि को जीत से डर है,
तो किसि को हार से.............
किसि को लाभ से डर है,
तो किसि को नुक्सान से...........
किसि को कुच पानेकि डर है,
तो किसि को कुच खोनेकि................
जब डर से दिल द्दडके,
कदम अपना डग्मगये !
डर से जब भवुक हम हुये,
मंज़िल...