जाने _ दो
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
होटों की मुस्कुराहट चुरा गया।
खुल कर हंसना भुला गया,
एक रिश्ता जिसको सुला गया।
वो दर्द का प्याला पिला गया,
जाने दो जो चला गया।
सो गया जमीर हो जिसका,
मतलब साधा जिसने खुदका,
छोड़ चलो अब वो रास्ता,
जिसका नहीं सच से वास्ता।
अपने ही राह में मस्त मगन,
चलते थे जब ये कदम,
वो राह _ विच्छेदन कर गया,
जाने दो जो चला गया।
वो सच की...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
होटों की मुस्कुराहट चुरा गया।
खुल कर हंसना भुला गया,
एक रिश्ता जिसको सुला गया।
वो दर्द का प्याला पिला गया,
जाने दो जो चला गया।
सो गया जमीर हो जिसका,
मतलब साधा जिसने खुदका,
छोड़ चलो अब वो रास्ता,
जिसका नहीं सच से वास्ता।
अपने ही राह में मस्त मगन,
चलते थे जब ये कदम,
वो राह _ विच्छेदन कर गया,
जाने दो जो चला गया।
वो सच की...