वो मिले तो कामिल जहान हो जाए...
वो रोशनी है सितारों की
वो राहत झील किनारों की
उसकी रज़ा से चमन खिलता है
वो मलिका है बहारों की...
वो मन्नत है जो मांगी
किसी पीर की मज़ार पर
वो इनायत है जो होगी
हर उल्फत से बेज़ार पर...
वो दिखे तो आहें...
वो राहत झील किनारों की
उसकी रज़ा से चमन खिलता है
वो मलिका है बहारों की...
वो मन्नत है जो मांगी
किसी पीर की मज़ार पर
वो इनायत है जो होगी
हर उल्फत से बेज़ार पर...
वो दिखे तो आहें...