...

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हसीन ख़्वाब
मेरे हसीन ख्वाब मुझे, यू सता के चल दिये,
आँख जब उनसे लगी, नींद उड़ाके चल दिये,

उनके ख्याल की कशिश, मुझको करार कर गयी,
उनसे मिली नज़र कभी, बस मुस्करा कर रह गयी,
याद उनकी जब करूँ, याद उनकी जब करूँ,
दिल में बसा के चल दिये।
मेरे हसीन..

उनके प्यार की तपिश, मुझको जवाँ कर गयी,
तन्हा जब मैं रहूँ, चाह मिलन की यू बढ़ गयी,
मिलन उनसे जब करूँ, मिलन उनसे जब करूँ,
बस जुदा करके चल दिये।
मेरे हसीन..

उनके दिल की ये कनिश, अब मेरे बस में नहीं,
दिल घायल ये मेरा हुआ, फिर भी दिल मेरा नहीं,
दिल मेहरबां जब करूँ, दिल मेहरबां जब करूँ,
बेवफा बनाके चल दिये।
मेरे हसीन..

(कनिश-नफरत)

🙏🙏🙏
-अदंभ

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