मेरी दुनिया...ऐसेऐसेएने✍️..
मेरी दुनिया और दुनिया के बिच
काश कोई दरबाजा होता
अगर,कभी मन करता तोह...ऐसेऐसेएने✍️..
हम एक दुषरे से रुबरु हो पाते
मगर यहाँ तोह दिवार है
एक ऐसी दीवार...ऐसेऐसेएने✍️..
जिसे मैं कभी न तोड़ पाऊँगी
और न कोई उस पार जान पायेगा
दिवार के इस पार एक खाली जगह है
जहाँ कोई रहता भी है...ऐसेऐसेएने✍️..
-मेरा ब्रह्मांड मेरे चारों ओर घूमता है
काश कोई दरबाजा होता
अगर,कभी मन करता तोह...ऐसेऐसेएने✍️..
हम एक दुषरे से रुबरु हो पाते
मगर यहाँ तोह दिवार है
एक ऐसी दीवार...ऐसेऐसेएने✍️..
जिसे मैं कभी न तोड़ पाऊँगी
और न कोई उस पार जान पायेगा
दिवार के इस पार एक खाली जगह है
जहाँ कोई रहता भी है...ऐसेऐसेएने✍️..
-मेरा ब्रह्मांड मेरे चारों ओर घूमता है