जबसे आए तुम दिल में मेरे बनकर इसकी मनार!!
वो इश्क़ की गलियों में महकता सा इत्र,
मैं बे-पनाह इश्क़ की चीखती सी बयार,
बहक जाती हूं हर वक्त उसकी ख़ुशबू में,
उड़ती हूं मलंग भीगोकर रूह को हर बार!
बचपन के सपनों का एक लंबा थान हो तुम,
बस एक गज उधेड़ कर तुम्हे कर लिया प्यार,
आसमानी घड़े पर चांदनी का ढ़क्कन हो...
मैं बे-पनाह इश्क़ की चीखती सी बयार,
बहक जाती हूं हर वक्त उसकी ख़ुशबू में,
उड़ती हूं मलंग भीगोकर रूह को हर बार!
बचपन के सपनों का एक लंबा थान हो तुम,
बस एक गज उधेड़ कर तुम्हे कर लिया प्यार,
आसमानी घड़े पर चांदनी का ढ़क्कन हो...