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जिमेदारियों से कैद वो लड़का
जिमेदारियों से कैद वो लड़का
आज देखो कैसे घेरा गया।
उम्र कम ही है उसकी
पर सबकी नजरों में उसे बड़ा होना पड़ा।
कहा सोचा था उसने की जवानी आते खुप घुमूंगा दोस्तो संग मजे करूंगा
सारा जहा घूमूंगा
पर किसको पता था उसको जवानी आते ही बड़ा बन अब सब कुछ भूल अपनो के खातिर बड़ा होना पड़ेगा।
जिमेदार्यो से कैद वो लड़का
अब कहा खुलता है।
सबके सामने जिमेदार बन कर
अकेले कमजोर बन खुदसे मिलता है।
बचपन में बोला जाता था उसे
की बड़ा बन तुझे कुछ कर दिखाना है
अपनो का सैर शान से उठाना है
पर किसको पता था कुछ कर दीखाने की आग में जलने वाला वो लड़का
अब जिमेदारियो के तले ही पल पल पीसने वाला है।
कभी भाई की लड़ाई को सुलझाते
तो कभी बहन की रक्षा करतेे
कभी मां की चिंता करते
तो कभी पिता के स्वस्थ का ध्यान रखते रखते
एक दिन उसने अपने आप को संभालना ही भूल जाना हैं।
जिमेदार्यों से कैद वो लड़का
खुले आसमान में उड़ने की कुछ कर दिखाने की चाह रखने वाला वो लड़का
अपनो के सपनो को पूरा करने फिर एक बार पीछे हट जाना है।
बचपन से ही सिखाया जाता है उसे तू लड़का है
तुझे हर हाल का सामना करना होगा
अपनो के लिए जीना होगा अपनो के लिए लड़ना होगा
तकलीफ लाख हो तुझको पर चहरे पर मुस्कान को रखना होगा
तू लाख दुखी हो जाए पर आसुओं को भी अंदर ही अंदर पीना होगा।
तुझे बड़ा बन कुछ करना होगा
पिता की लाठी
तो मां की शाल
बहन का रक्षक
तो भाई के शौक का एटीएम
जीवनसाथी के लिए कामयाब
तो आने वाले नई जिमेदार्यों के लिए
उसे कम उम्र में ही बड़ा होना होगा।
जिमेदार्यो से कैद वो लड़का
उसे कहा पता था जवानी आते
कपड़ो के जूतों के नई नई गाड़ियों के शौक पलने से पहले
उसे सौ रुपए में से भी सबके लिए सबकी जरूरतों को अब पूरा करना होगा।
तकलीफ उसे भी होती होगी
पर मुस्कान का नकाब उसे डाल रहना होगा।
चीड़ चीड़ घुसा लाख आ जाए उसे
पर खुदको control करना होगा।
अपने feelings को दबा कर
सबके mood का सबके feelings का ध्यान उसको रखना होगा।
जिमेदार्यो से कैद वो लड़का
आसन नहीं है उसके strugles को महसूस करना
पर जिंदगी उसकी भी है
कुछ सपने उसके भी है
वो भी खुदके लिए जीना चाहता है
खुलके हंसना तो कभी रोना चाहता है
दोस्तो के संग उठना बैठना चाहता है
अकेले रास्तों में चलना चाहता है
ये बात हम सबको भी समझनी होगी
थोड़ा थोड़ा कर हम सब कर लेंगे यार
ये लाइन भी उसे हर रोज बोलनी होगी
जिमेदारियों से कैद वो लड़का
खुदको भी कुछ लगता है ये याद दिला
थोड़ी आजादी उसे भी देनी होगी
लाख उम्र बड़ जाए उसकी पर
जिमेदारिओ से थोड़ी आजादी भी उसे देनी होगी
कैद न कर उड़ने का हक रखता है वो भी
इतनी समझदारी भी रखनी होगी।
जिमेदारियों से कैद वो लड़का
थोड़ा हिस्सा खुदका चाहता है
ये याद रख उसको भी अपनी जिंदगी आजादी से जीनी होगी
सबका ख्याल बेशक साहिसे रखेगा वो
पर तुम खुद भी खुद के लगते हो ये बात याद रखनी होगी
अपनी जिंदगी का हिस्सा थोड़ा अपने लिए निकाल जिंदगी खुदके लिए भी जीनी होगी
तुम खुद भी खुद के कुछ लगते हो ये बात याद रखनी होगी
ये बात याद रखनी होगी।।


© tejswii_madavi