...

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माँ (कि तू थी कितनी प्यारी !! ) 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
हूँ मैं तेरी बेटी,तु है मईया मोरी!
फिर भी क्यों ना, समझ सकी तू
मेरे मन की भरवारी ( दर्द )
कि थी तू कितनी प्यारी
थी मैं तेरी राजदुलारी
ना जाने क्यों छोड़ गई तू
मुझको इस बन में अंधियारी
काप जाते हैं रूह मेरे
जब देखू ये लाचारी
बाटन चली जब मैं दर्दन को
मिल ना पाया कोई बाटबारी
भुख प्यास भी न अब मुझको
निश्चल, अपर, अपारी
समझ सकी मैं तेरे प्रेम को
हुई धन्य भाग हमारी
कि तू थी कितनी प्यारी ....
कि तू थी कितनी प्यारी !!

© Anishtha priya Agarwal