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याद आती हैं
अब याद आती हैं,
बताना चाहते हैं
लेकिन अब यह कठिन सी लगती हैं
पता नहीं भावनाओं की भी यह कैसी
अकड़ हैं!
इजाजत के बिना भी दिल के बीच
घर कर जाती हैं।
कुछ यादों में समेत कर रखे हैं
और कुछ दिल के छन्दूक मे
पता नहीं इनसे दोस्ताना,
कितने दिन तक रहेंगी।
बताना चाहते हैं
लेकिन अब यह कठिन सी लगती हैं
पता नहीं भावनाओं की भी यह कैसी
अकड़ हैं!
इजाजत के बिना भी दिल के बीच
घर कर जाती हैं।
कुछ यादों में समेत कर रखे हैं
और कुछ दिल के छन्दूक मे
पता नहीं इनसे दोस्ताना,
कितने दिन तक रहेंगी।
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