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उड़ान
ᴜᴅᴀᴀɴ
बंद मुठ्ठियों मैं
सपने मेरे
हालातों से जकड़ी हुई मैं
मन मै अनगिनत अन्सुल्झे सवाल मेरे
बहला तो लेती हु खुद को
किस्मत को दोष देने से पहले
मौका तो एक बार देती तू (किस्मत)
उड़ जाती आसमानों मैं
बेड़ियों मै खुद को जकड़ने के पहले
क्यूँकि मेरे हौसले की बुलंदी आसमानों मै है
© All Rights Reserved
बंद मुठ्ठियों मैं
सपने मेरे
हालातों से जकड़ी हुई मैं
मन मै अनगिनत अन्सुल्झे सवाल मेरे
बहला तो लेती हु खुद को
किस्मत को दोष देने से पहले
मौका तो एक बार देती तू (किस्मत)
उड़ जाती आसमानों मैं
बेड़ियों मै खुद को जकड़ने के पहले
क्यूँकि मेरे हौसले की बुलंदी आसमानों मै है
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