...

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ख़ामोशी
ख़ामोशी

ख़ामोश है अब लब मेरे,,
पर दिल में होता शोर बहुत है।
दिल की पीड़ा ना कोई समझ सकें
यूं कहने को रिश्ते चारो और हैं।

आंखों ने भी पकड़ा दामन ख़ामोशी का,,
आंसू भी अब बहते नहीं।
सुनकर दर्द मज़ाक उड़ाते हैं,,...