अब तो ज़िंदगी
क्या गम है ये तो दिल भी नही जानता,
क्यो खामोश है ये होंठ, ये तो दिमाग भी नहीं जानता,
कहा ले जाएगी ये किस्मत की लकिरे, ये तो पैर भी नही जानते,
होशलो की अब बात नही होती,
कदम...
क्यो खामोश है ये होंठ, ये तो दिमाग भी नहीं जानता,
कहा ले जाएगी ये किस्मत की लकिरे, ये तो पैर भी नही जानते,
होशलो की अब बात नही होती,
कदम...