लफ्ज़
तुने तो लफ्ज़ सुना ,पुरी शायरी थी
टूक कह पाया , बाकी हलक में रही
जुबां व दिल की जंग के ग़ाफ़िल
बात कहनी थी मगर दिल में रही
हमें तो शौक रहा ,हर वक्त तेरे होने का
इक तेरे होने से ही...
टूक कह पाया , बाकी हलक में रही
जुबां व दिल की जंग के ग़ाफ़िल
बात कहनी थी मगर दिल में रही
हमें तो शौक रहा ,हर वक्त तेरे होने का
इक तेरे होने से ही...