अनकही बातें
हम बैठे थे समाने,,
पर बोलके हमारी बात,,
ना हुइ,,
एक दूसरे की आंखों में देखा,,,
और हमारी बात शुरू हुइ,,
उनकी आंखों की चमक,
मिलने बिछड़ने की बात,
बोली,,
ऐसे उनकी जज़्बात,,
एक साथ हुइ,,
उनके हाथो ने,
प्यार से मेरे हाथों को छुआ,,
जन्म तक साथ रहेंगे,,
ये बात मेरे दिल को,
ऐहसास हुई ।।
पर बोलके हमारी बात,,
ना हुइ,,
एक दूसरे की आंखों में देखा,,,
और हमारी बात शुरू हुइ,,
उनकी आंखों की चमक,
मिलने बिछड़ने की बात,
बोली,,
ऐसे उनकी जज़्बात,,
एक साथ हुइ,,
उनके हाथो ने,
प्यार से मेरे हाथों को छुआ,,
जन्म तक साथ रहेंगे,,
ये बात मेरे दिल को,
ऐहसास हुई ।।