बदला हुआ इश्क कुछ इस कदर...
ना याद करेंगे तुझको,
बस यह फरियाद करेंगे रब से,
तुझको मिटा देंगे अपने दिल से
हम वहां भी नजर आएंगे तूमको
जहां तुम हमें देखना भी नहीं चाहते...
हम खुद को कुछ इस कदर सवारेंगे...
कि तुम्हें उस सोच से भी नफरत हो जाएगी...
जब तुम्हे हमें छोड़ने का ख्याल भी आया था...
हम तुमको इस कदर भुला देंगे...
जैसे तुम्हारा कोई वजूद भी ना था हमारी जिंदगी में...
हमारी कमियां तुम्हें कुछ इस कदर टटोलेगी
जेसे किसी बच्चे को मां न होने की कमी खलती है ...
हां हमने सीख लिया तुम्हारे बगैर जीना....
पर हम दुआ जरूर करेंगे,
कि तुम जी ना पाव हमारे बिना,
बेशक हो भरी महफिल,
पर फिर भी तुम खुद को अकेला ही पावो...
बस यह फरियाद करेंगे रब से...
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